Tuesday 25 February 2014

नई कहानी

कहानी किसे कहते है , या ये कैसी होती है , कई बार हम कहानी का हिस्सा होते है , या हम कहनी कहते है , जो कहानी हम कहते है सायद उसे हम बनाते है , या कुछ ऐसी कहानी हम अपनी भी चाहते है, कि कुछ ऐसी हो हमारी कहानी कई बार उस कहानी को हम बुनते है अपने इर्द- गिर्द और उसमे खोना चाहते है, कहानी में रहना चाहते है…।
 कुछ ऐसी ही है मेरी कहानी में इनमे रहना चाहता हु… खोना चाहता हूँ .. क्या आप सुन्ना चाह्ते हो मेरी ये कहानी , क्यों कि मई तो लिख रहा हु क्या आप सब इसका हिसा बनना चाहेंगे ...

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